ये आंसू भी बड़े अजीब होते हैं....
पर शायद दिल के सबसे करीब होते हैं,
कभी चाहो तो भी नहीं आते और
कभी न चाहो तो भी आ जाते हैं।
कभी प्यार में तो कभी तकरार में....
या रहरहकर किसी के इन्तजार में,
कभी किसी से मिलने की खुशी में,
तो कभी किसी से बिछड़ने के गम में।
कभी किसी की यादों में....
तो कभी याद आईं बातों में,
कभी अकेलेपन के एहसास में,
तो कभी सभी के साथ में।
कभी मजबूरियों के हालात में.....
तो कभी गलती के पश्चाताप में,
कभी दर्द की पुकार में,
तो कभी दुआ की आवाज में।
कभी ये मन को हल्का करते हैं....
तो कभी किसी के कुछ न कहने पर निकलते हैं,
कभी मुसीबत में आते हैं,
तो कभी हौसला बन जाते हैं,
कभी ये हाले दिल बयां करते हैं....
तो कभी किसी के अल्फाजों पर छलकते हैं,
कभी किसी कहानी को सुनकर बरसते हैं,
तो कभी एक नई कहानी रचते हैं।
सच में ये आंसू बड़े अजीब होते हैं....
तभी तो शायद दिल के सबसे करीब होते हैं।